मध्य प्रदेश में अब मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ-साथ सांसदों और विधायकों को भी पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को सैल्यूट करना होगा। ये निर्देश DGP कैलाश मकवाना ने जारी किए हैं।

आईना न्यूज
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मध्य प्रदेश में अब मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ-साथ सांसदों और विधायकों को भी पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को सैल्यूट करना होगा। ये निर्देश DGP कैलाश मकवाना ने जारी किए हैं।


मध्य प्रदेश में अब मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ-साथ सांसदों और विधायकों को भी पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को सैल्यूट करना होगा। ये निर्देश DGP कैलाश मकवाना ने जारी किए हैं। निर्देश में लिखा है कि किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ शिष्ट व्यवहार में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। अगर कोई सांसद और विधायक मिलने आए तो पुलिस अफसरों को प्राथमिकता के आधार पर मुलाकात कर उसका निराकरण करना होगा। साथ ही किसी जनसमस्या को लेकर कोई सांसद या विधायक फोन करते हैं तो उनकी बात प्राथमिकता से सुननी होगी और उचित समाधान भी करना होगा।
डीजीपी द्वारा सांसदों-विधायकों के सम्मान को लेकर जारी निर्देश में 8 अलग-अलग परिपत्रों का जिक्र भी किया है। ये सभी सर्कुलर पुलिस अफसरों के लिए 23 जनवरी 2004, 18 मई 2007, 22 मार्च 2011, 24 अक्टूबर 2017, 19 जुलाई 2019, 11 दिसंबर 2019, 12 नवंबर 2021 और 4 अप्रैल 2022 को समय समय पर सरकार के द्वारा जारी किए जा चुके हैं। 

 डीजीपी ने लिखा है कि सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों या किसी भी सामान्य समारोह में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी वर्दी में सांसदों और विधायकों को सलामी देंगे। आदेश में कहा गया है कि अधिकारी सांसदों और विधायकों द्वारा लिखे गए पत्रों का समय पर जवाब दें। आदेश के मुताबिक पत्रों पर अधिकारियों के हस्ताक्षर होने चाहिए। डीजीपी ने कहा कि जब भी कोई सांसद या विधायक किसी के कार्यालय में आए तो अधिकारी को सर्वोच्च प्राथमिकता के तौर पर सांसदों और विधायकों से मिलना चाहिए।  

डीजीपी ने कहा कि यदि कोई सांसद या विधायक किसी समस्या के लिए किसी पुलिस अधिकारी को फोन करता है तो संबंधित अधिकारी को ध्यान से उनकी समस्या सुननी चाहिए। विधायकों के सवालों का विनम्रता से जवाब देना चाहिए।

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