मध्य प्रदेश के नौगांव में एसडीओपी बंगले के पास धनिया-मिर्ची की दुकानों को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि यह खूनी संघर्ष में बदल गया। लाठी-डंडों से हुए इस हमले में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। आरोप है कि जब पीड़ित पक्ष शिकायत करने थाने पहुंचा, तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।
"नौगांव के एसडीओपी बंगले के पास धनिया-मिर्ची बेचने वाले दुकानदारों के बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई कि देखते ही देखते लाठी-डंडे चलने लगे। अशोक साहू और बगल वाले दुकानदार के बीच विवाद चल रहा था, तभी शरद साहू, रामहेत, राकेश साहू और पंकज साहू वहां पहुंचे और अचानक हमला कर दिया।"
"इस हमले में अशोक साहू का सिर फट गया, स्वामी साहू की नाक और कान कट गए, अनुज को डंडों से गंभीर चोटें आई हैं, और सुमित की नाक फट गई है। सभी घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।"
घायल लोगों का कहना है कि
"हम अपनी दुकान पर थे, तभी अचानक वे आए और लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हमें बुरी तरह मारा गया, जान से मारने की धमकी दी गई।"
आरोप है कि पीड़ित पक्ष जब FIR दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचा, तो वहां भी उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़ितों ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।"
नौगांव में दुकान के मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। सवाल यह है कि खुलेआम लाठी-डंडों से हमला करने वालों पर क्या सख्त कार्रवाई होगी? पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि थाने में शिकायत करने वालों को ही धमकियां क्यों दी गईं?